पुणे में ८ मई २०२४ को एक युवती २५ वर्ष जिसकी आयु है , उसने ISIS के साथ मिलकर भारत पर हमले की कोशिश कर रही थी। ये युवती एक सुशिक्षित मुस्लिम घर की रहनेवाली थी। इस युवती का नाम सादिया शेख है। इसकी माँ एक पुणे महानगरपालिका में अधिकारी है। उसके पिता भी एक अच्छे नौकरी पर है। इस लड़की की मौसी डॉक्टर और मामा आईटी इंजीनियर है।
इतनी अच्छी घरकी होने के बावजूत ये लड़की उम्र के १४ – १५ वर्ष में ही सोशल मीडिया के जरिये कट्टरवादी विचारो के संपर्क में आयी। ISIS इस संघटना की तरफ उसकी दिलचस्पी बढ़ी। उसे पाकिस्तान में बैठकर ऑपरेट करने वाले युवक ने श्रीलंका समेत देश के अलग अलग हिस्से के युवाओ के ग्रुप में उसे शामिल किया।
खुफिया एजेंसियों की उस पर नजर गिरी और यह जानकारी एटीएस को दे दी गई। एटीएस ने कुछ मौलानाओं की मदद से उसका मनपरिवर्तन (डी-रेडिकलाइजेशन) किया। हालांकि, वह फिर से ISIS के संपर्क में आ गई। 2018 मेंउसे कश्मीर में खुफिया एजेंसियों ने हिरासत में लिया था। उसे पुणे में उसके माता-पिता को सौंप दिया गया।
इसके बाद उसने शांत रहकर एजेंसियों की आंखों में धूल झोंककर फिर से अपनी देश विरोधी गतिविधियां जारी रखी। 2020 में, उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया। और देश भर में 100 स्थानों पर योजनाबद्ध हत्या की साजिश का खुलासा किया। उनके समेत पांच लोगों को दिल्ली की विशेष NIA (National Investigation Agency) अदालत ने सजा सुनाई है। पुलिस, एटीएस और खुफिया एजेंसियों की लाख कोशिशों के बावजूद वह आतंकी बन गई।
‘सादिया अनवर शेख’ पुणे के उस युवती का नाम है , जिसने एक धार्मिक नाबालिग लड़की से ISIS आतंकवादी तक का चौंकाने वाला सफर तय किया है। इस युवती का नाम सादिया (उम्र 25, निवासी विश्रांतवाड़ी) है। उनके साथ पुणे से नबील एस. खत्री (कोंढवा) को भी सजा सुनाई गई है।
सादिया के माता-पिता उच्च शिक्षित और अच्छी नौकरी पर थे। दोनों के बीच पारिवारिक विवाद था। उसकी वजह से उनका तलाक हो गया। इसके बाद उसकी मां सादिया को लेकर अपने मामा के घर रहने चली गईं। उसके मामा एक IT कंपनी में कार्यरत थे। जबकि उनकी मौसी एक डॉक्टर थीं। वह बंडगार्डेन रोड पर एक अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूल में पढ़ रही थी। जब वह नौवीं कक्षा में थी, तब वह सोशल मीडिया के जरिए ISIS के संपर्क में आई।
10वीं कक्षा में वह ISIS के चरमपंथी विचारों से प्रभावित थीं। उसका व्यवहार और पहनावा बहुत बदल गया। वह धार्मिक मामलों में अधिक रुचि दिखाने लगी। सादिया सोशल मीडिया और इंटरनेट के जरिए श्रीलंका में ISIS एजेंटों के संपर्क में आई। वह ISIS के फेसबुक पेज, ट्विटर, टेलीग्राम ग्रुप में शामिल थी। वह लड़की श्रीलंका, फिलीपींस, इंग्लैंड, सऊदी अरब, दुबई, केन्या, यूरोपीय देशों सहित तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक राज्यों के 200 युवाओं के एक समूह में भी शामिल हुई थी। इस समूह द्वारा उन्हें हिंसक गतिविधियों के लिए तैयार किया जा रहा था। उसी से उसने ‘सुसाइड बॉम्बर’ बनने की तैयारी कर ली थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने , राजस्थान में कार्रवाई करते हुए , ISIS के संपर्क में रहने वाले एक इंजीनियर युवक को हिरासत में लिया है। उसकी जांच से एजेंसी को सादिया के बारे में जानकारी मिली। यह जानकारी केंद्रीय एजेंसियों ने एटीएस को दी। एटीएस की एक टीम ने राजस्थान जाकर उससे पूछताछ की। इसके बाद लड़की को हिरासत में ले लिया गया।उसके खिलाफ जांच शुरू की गई। उसने भी बिना डरे पुलिस को जवाब दिया। लेकिन , नाबालिग होने के कारण पुलिस मामला दर्ज नहीं कर सकी। इसलिए उसके माता-पिता और कुछ मौलवियों को बुलाया गया और उसका मनपरिवर्तन कराया गया। उस वक्त उसने आश्वासन दिया था , कि वह कोई भी देश विरोधी काम नहीं करेंगी।
लेकिन उसने अपना काम जारी रखा। इस बीच, सादिया 2018 में और अधिक सक्रिय हो गईं। उस वक्त वह आतंकी और अलकायदा की कश्मीर यूनिट के मुखिया जाकिर मूसा से शादी करने के लिए जम्मू-कश्मीर गई थीं। वह पुलवामा के त्राल के नूरपोरा गांव में रहती थी ।उस लड़की को सीरिया के एक मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने का लालच दिया गया था।
इसी बीच मूसा ने उससे शादी से इनकार किया। उसके बाद उसने जम्मू-कश्मीर में ISIS के मुखिया वकार को शादी के लिए पूछा। उसके कश्मीर चले जाने के बाद खुफिया एजेंसियों को उसके बारे में जानकारी मिली। श्रीनगर लौटने से पहले उसे हिरासत में लिया गया और पूछताछ की गई।
इसकी सूचना पुणे पुलिस और एटीएस को दी गई। अधिकारियों ने उसके परिजनों से पूछताछ की। हालांकि, उन्होंने कहा था कि सादिया पढ़ाई के लिए गांव से बाहर थी। युवती से पूछताछ के बाद उसे समझाकर छोड़ दिया गया। लेकिन सिस्टम ने उस पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी थी। इसके बाद भी सादिया ISIS के लिए काम कर रही थी। वह अन्य आतंकवादी संघटना के संपर्क में थी। और उनसे हथियार और विस्फोटक प्राप्त करने की कोशिश कर रही थी। साथ ही ये आतंकी संगठन ‘ISIS’ के नेतृत्व में एकजुट होने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस ने उसका टेलीग्राम अकाउंट खुलवाया और जांच की। इसमें मौजूद CHATS पुलिस को मिल गईं। वह टेलीग्राम ऐप ‘अहले वाफा ‘ नाम से चला रही थी।वह लड़की ISIS के लिए काम करनेवाले एक कश्मीरी जोड़ा है, उनके संपर्क में थी । उनका नाम हिना बेग, जहानजैब और डॉ. अब्दुर बसित रहमान था। हिना , सादिया, जहानजैब और डॉ. अब्दुर बासित इस्लामिक स्टेट के लिए ‘वॉयस ऑफ इंडिया’ नाम से मासिक भी प्रकाशित करता थे। वह ‘सीएए’ और ‘एनआरसी’ के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ लेख प्रकाशित करते थे। साथ ही वह इसे लेकर आंदोलन खड़ा करने में भी प्रमुख भूमिका निभा रहे थे।
जहांजैब, हिना बेग को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मार्च 2020 में गिरफ्तार किया था। उनसे मिली जानकारी के आधार पर सादिया को हिरासत में लिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे प्राप्त जानकारी के आधार पर डॉ. अब्दुर बासित को गिरफ्तार कर लिया गया।
साथ ही पुणे के कोंढवा इलाके में रहने वाले नबील को भी गिरफ्तार किया गया। बाद में जांच एनआईए को स्थानांतरित कर दी गई। उन्होंने जांच कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। इस मामले में विशेष अदालत ने जहांजैब को विभिन्न धाराओं के तहत 20 साल कैद और जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं, उनकी पत्नी हिना बेग को सात साल की सजा सुनाई गई है। अदालत ने सादिया शेख को सात साल और नबील खत्री को आठ साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। डॉ. अब्दुर को भी सज़ा सुनाई गई है।