बिना किसी तैयारी के हम कोई भी परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण नहीं हो सकते। IBPS RRB PO की तैयारी के लिए हमें कड़ी मेहनत लेनी होगी। IBPS RRB PO की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत के साथ हमें अच्छे संसाधन की भी आवश्यकता होती है।
इस लेख में हम आपको IBPS RRB PO की परीक्षा में पूछे जाने वाले 100 मुहावरे और लोकोक्तियां बताने वाले हैं। यह मुहावरे और लोकोक्तियां, जो लोग हिंदी भाषा के लिए तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम आपको 100 मुहावरे बताने वाले हैं। जिसका अभ्यास करके आप IBPS RRB PO या फिर CLERK में अच्छे नंबर से उत्तीर्ण हो सकते हैं।
इस लेख में उन मुहावरों के अर्थ भी बताए गए हैं।
IBPS RRB PO मुहावरे और उनके अर्थ :
१) कान लगाना – ज्यादा ध्यान देना
किसी की भी बातें ज्यादा ध्यान से सुनना , उसे कहते हैं कान लगाना।
२) कान खड़े करना – चौकन्ना हो जाना , चौक जाना , आश्चर्यचकित होना।
किसी भी चीज को देखकर आश्चर्यचकित होना, उसे कहते हैं कान खड़े करना।
३) आंख लगना – सो जाना।
४) आंख लगाना – नजर रखना , निगाह रखना।
किसी भी चीज के ऊपर नजर रखना, उसे आंख लगाना कहते हैं।
५) आंख खुलना – सजग हो जाना, सावचेत हो जाना, सतर्क हो जाना, सावधान हो जाना।
अगर किसी भी चीज को देखकर हम सतर्क हो रहे हैं , उसे आंख खुलना कहते हैं।
६) चमड़ी जाए पर दमड़ी ना जाए – बहुत ज्यादा कंजूस होना
अगर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा कंजूस है , मतलब चाहे कुछ भी कर लो लेकिन उसके हाथ से एक रूपया भी नहीं छूट रहा , तब उसे कहते है की चमड़ी जाये पर दमड़ी ना जाये।
७) गुड गोबर कर देना – बना बनाया काम बिगाड़ देना
अगर कोई चीज अच्छी चल रही है और बीच में बिगड़ जाए, तब उसे गुड गोबर कर देना कहते हैं।
८) चमड़ी जाए पर दमड़ी ना जाए – बहुत ज्यादा कंजूस होना
अगर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा कंजूस है , मतलब चाहे कुछ भी कर लो लेकिन उसके हाथ से एक रूपया भी नहीं छूट रहा , तब उसे कहते है की चमड़ी जाये पर दमड़ी ना जाये।
९) गुड गोबर कर देना – बना बनाया काम बिगाड़ देना
अगर कोई चीज अच्छी चल रही है और बीच में बिगड़ जाए, तब उसे गुड गोबर कर देना कहते हैं।
१०) हथियार डाल देना – हार मान लेना , समर्पण कर देना
११) आग लगने पर कुआं खोदना – संकट आने के बाद बचने के उपाय ढूंढना
कोई भी आपत्ति आए उसके बाद उससे बचने के उपाय खोजना, उसे आग लगने पर कुआं खोदना करते हैं।
१२) पांचो उंगलियां घी में – हर तरफ से फायदा ही फायदा होना
किसी का हर तरफ से फायदा होता हो, तब पांचो उंगलिया घी में ऐसे कहती है।
१३) पैरों पर खड़ा होना – स्वावलंबी बनना
१४) आसमान फट जाना – अचानक बहुत बड़ी समस्या आ जाना
१५) सावन हरे ना भादो सूखे – सदा एक समान रहना
किसी चीज में कोई बदल ना होना, जैसा है वैसे ही रहना, उसे सावन हरे ना भादो सूखे कहते हैं।
१६) लश्कर में ऊंट बदनाम – दोश किसी और का और नाम किसी और का
दोष किसी और का हो और बदनाम कोई और हो रहा हो , तब लश्कर में ऊंट बदनाम कहते हैं।
17) काटो तो खून नहीं – डर के मारे स्तब्ध हो जाना, सुन्न हो जाना
१८) एक आंख न भाना – बिल्कुल अच्छा न लगना , किसी भी तरह से पसंद ना आना
१९) उंगली उठाना – आरोप लगाना , इल्जाम लगाना
२०) मुँह की खाना – बहुत बुरी तरह से हारना
२१) बैल न कूदे , कूदे तंगी – स्वामी के बल पर नौकर साहस दिखाना
२२) आंख का पानी ढल जाना – निर्लज्ज हो जाना , शर्म ना आना , बेशरम होना
२३) थाली का बैंगन / बिन पेंदे का लोटा – कभी एक पक्ष तोह कभी दूसरे पक्ष में रहना , जिसका कोई अस्तित्व नहीं
२४) तलवार की धार पर चलना – कठिन कार्य करना , जोखिम से भरा काम करना
२५) चूहे के चाम से नगाड़े नहीं मढ़े जाते – सिमित संसाधन से बड़े काम नहीं होते , कम साधनो से बड़े काम नहीं होते
२६) अंधे के हाथ बटेर लगना – अयोग्य व्यक्ति को सफलता मिल जाये , अपात्र को सफलता मिलना
२७) जुते चाटना / तलवे चाटना – चापलूसी करना , खुशामत करना
२८) गंगा नहाना – कार्य पूर्ण करके निश्चिन्त हो जाना , काम पूरा होने के बाद बेफिकर होना
२९) नीम हकिम खतरे जान – आधा ज्ञान हानिकारक होता है ( Half knowledge is dangerous )
३०) कान का कच्चा होना – सुनी सुनाई बातो पर विश्वास कर लेना , बिना सोचे समझे किसी की भी बात पर विश्वास कर लेना
३१) छक्का-पंजा करना – ओछी हरकत से अपना काम सिद्ध करना या पूरा करना , काम निकालने के लिए कुछ भी करना
३२) अंधे को दीपक दिखाना / भैंस के आगे बिन बजाना – नासमझ को उपदेश देना
अगर किसी को कुछ समझ ही नहीं आता , फिर भी उसे उपदेश देना या फिर कुछ बताना , उसे अंधे को दीपक दिखाना कहते है।
३३) आये थे हरी भजन को, ओटन लगे कपास – वंचित कार्य को छोड़कर किसी और कार्य में लग जाना
अगर कोई व्यक्ति काम कुछ और करने आये, लेकिन करने कुछ और लगे तब उसको आये थे हरी भजन को, ओटन लगे कपास ऐसा कहते है।
३४) आँखों में गड़ना – नापसंद करना , घृणा करना
जब कोई व्यक्ति किसी को पसंद नहीं करता तब उसे आँखों में गड़ना कहते है।
३५) जूतम पैजार – लड़ाई झगड़ा होना , लूट मचाना , छिना झपटी करना
३६) अकेला चना भार नहीं फोड़ता – अकेला आदमी कुछ नहीं करा सकता
३७) अक्ल पर पथ्थर पड़ना – बुद्धि भ्र्ष्ट होना
३८) कूप मंडूक होना / कुए का मेंढक होना – सिमित ज्ञान होना (Limited knowledge )
३९) होनहार बिरवान के होत चिकने पात – होनहार व्यक्ति की प्रतिभा बचपन में ही दिखने लगती है
४०) सेर को सवा सेर – एक से बढ़कर दूसरा
अगर कही एक से बढ़कर एक हुशार लोग है , एक से बढ़कर एक चीजे है , तब सेर को सवा सेर कहते है।
४१) धूल झोकना – धोखा देना
४२) गूलर का फूल होना – दुर्लभ होना (very rare)
४३) दांत काटे रोटी – गहरी दोस्ती होना
४४) हींग लगे न फिटकरी रंग भी चोखा – बहुत काम खर्च में ज्यादा फायदा होना , बिना खर्च किये काम बन जाना
४५) टेढ़ी खीर – कठिन कार्य
४६) घुटने टेकना – हार मान लेना
४७) खिचड़ी पकाना – साजिश करना , षड़यंत्र करना
४८) छाती पर मुंग दलना – बहुत कष्ट देना , बहुत परेशान करना
४९) कान में तेल डालना – कुछ भी सुनना नहीं , अनसुना करना , ध्यान न देना
५०) गांठ में बांधना – अच्छे से याद रखना
५१) घडी में तोला , घडी में माशा – जरा सी बात पर खुश और दुखी होना
५२) कलेजा पसीज जाना – द्रवित हो जाना , मन में दया आना
५३) नाक रगड़ना – विनती करना , गिड़गिड़ाना , विनम्रता से किसीसे कुछ मांगना
५४) मक्खी मारना – खाली बैठे रहना , फालतू काम में लगे रहना
५५) अठखेलियाँ सूझना – हास्य विनोद करना , मौज मस्ती करना
५६) आंख के अंधे , गांठ के पुरे – धनवान मुर्ख
एक ऐसा धनवान व्यक्ति , जो मुर्ख हो।
५७) गागर में सागर भरना – थोड़े शब्दों में बहुत कहना
५८) चोर के पैर नहीं होते – दोषी व्यक्ति खुद भयभीत रहता है
५९) न नौ मन तेल होगा और न राधा नाचेगी – असंभव काम
६०) अधजल गगरी छलकत जाये – अल्पज्ञानी ज्यादा दिखावा करता है
जिस व्यक्ति के पास काम ज्ञान होता है , वही ज्यादा दिखावा करता है अपने ज्ञान का।
६१) कलाई खुलना – भेद खुलना , भांडा फूटना (secret reveal)
६२) अंधे की लकड़ी – एकमात्र सहारा होना
६३) सिर उठाना – आवाज उठाना , विद्रोह करना
अगर कोई व्यक्ति किसी कारन किसी बात का विरोध करता है , तब उसे सिर उठाना कहते है।
६४) नौ दिन चले अढ़ाई कोस – धीरे धीरे कार्य करना ,सुस्त होना
६५) अपने मुँह मिया मिट्ठू बनना – अपने ही मुँह से अपनी तारीफ करना
६६) कड़ाही से गिरा चूल्हे में आ पड़ा / आसमान से गिरे और खजूर में लटके – एक मुसीबत से निकले और दूसरी में आके गिरना
६७) ओछे की प्रीति बालू की भीति – निचे स्वाभाव वाले व्यक्ति से सम्बन्ध ज्यादा दिन नहीं टिकते
६८) ओछे की प्रीति बालू की भीति – नीच आदमी से प्रेम या सम्बन्ध रखना मतलब बालू की दिवार के बराबर होता है
मतलब नीच आदमी से सम्बन्ध रखना बालू की दिवार जितने कमजोर सम्बन्ध रखना होता है।
६९) जूतियो में दाल बाटना – भयंकर लड़ाई झगड़ा , आपस में लड़ाई करना
७०) घडो पानी पड़ना – लज्जित होना
७१) पढ़े फ़ारसी बेचे तेल , यह देखो कुदरत का खेल – कोई उच्च शिक्षित होने के बाद भी कोई छोटा व्यवसाय या नौकरी करना
७२) नाक बच जाना – इज्जत बच जाना
७३) चाँद पर थूकना – निर्दोष पर दोष लगाना , निर्दोष पर कलंक लगाना
७४) खरगोश की सींग निकलना – असंभव होना , कोई कार्य करना जो संभव न हो
७५) पानी से घी निकालना – असंभव होना
७६) बालू से तेल निकालना – असंभव काम करना
७७) लोहा लेना – शत्रु से मुकाबला करना
७८) काठ का उल्लू होना – महामूर्ख होना
७९) बहती गंगा में हाथ धोना – अवसर का लाभ उठाना , मौके का फायदा उठाना
८०) कीचड़ उछालना – बदनाम करना
८१) सिर खाना – परेशान करना , फालतू की बात करके परेशान करना
८२) तन पर नहीं लत्ता , पान खाये अलबत्ता – झूठा दिखावा करना
८३) सोने में सुगंध – सुन्दर / कीमती वस्तु में और अधिक विशेषता होना
८४) नई ज़मीन तोडना – नया प्रयोग करना
८५) तीर मारना – बड़ा काम करना
८६) कोई तीर घाट तो कोई बीर घाट – आपस में तालमेल ना होना
८७) आंख का तारा होना – बहुत प्रिय होना
८८) सिर पर पाँव रखकर भागना – तुरंत भागना , डर के कारन तेजी से भाग जाना
८९) तील का ताड़ बनाना – छोटी सी बात को बढ़ा चढ़ाकर बताना
९०) मुट्ठी गरम करना – रिश्वत देना , घुस देना
९१) अंतर के पट खोलना – ज्ञान प्राप्त करना , दिमाग से काम लेना
९२) अंगूठी का नग होना – बहुत प्रिय होना
९३) पौ बारह होना – मौज ही मौज होना , लाभ ही लाभ होना
९४) ढपोर शंख – ऊँची ऊँची हाँकना , क्षमता न होने के बावजूत बड़ी बड़ी बाते करना
९५) लंगोटी में फाग – गरीबी में आनंद लूटना
९६) खून पानी होना – कोई असर नहीं होना
९७) हसुए के ब्याह में खुरपी का गीत – असंगत बाते करना
९८) जस दूल्हा तस बनी बरात – सारे साथी एक जैसे होते है
९९) गए थे रोजा छुड़ाने , नमाज गले पड़ी – उपकार करने के बदले स्वयं दुःख भोगना
१००) गंगा गए गंगादास जमुना गए जमुनादास – जो व्यक्ति सामने आये उसी की प्रशंसा करना
FAQ :
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प्रश्न : “खून पानी होना” इस मुहावरे का अर्थ बताये ?
उत्तर : कोई असर नहीं होना
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प्रश्न : “अधजल गगरी छलकत जाये” इस मुहावरे का अर्थ बताये ?
उत्तर : अल्पज्ञानी ज्यादा दिखावा करता है
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प्रश्न : “गंगा नहाना” इस मुहावरे का अर्थ बताये ?
उत्तर : कार्य पूर्ण करके निश्चिन्त हो जाना , काम पूरा होने के बाद बेफिकर होना
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प्रश्न : “होनहार बिरवान के होत चिकने पात” इस मुहावरे का अर्थ बताये ?
उत्तर : होनहार व्यक्ति की प्रतिभा बचपन में ही दिखने लगती है
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प्रश्न : “तील का ताड़ बनाना” इस मुहावरे का अर्थ बताये ?
उत्तर : छोटी सी बात को बढ़ा चढ़ाकर बताना
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