इस साल 2024 में भारत में फ़रवरी के महीने से ही गरमी चालू हो गयी। भारत में आमतौर से ४ मौसम पाए जाते है – शीत, ग्रीष्म, वर्षा और शरद ऋतु | लेकिन कुछ सालो से भारत में सिर्फ ३ ही मौसम देखे जा रहे है। इसका क्या कारण हो सकता है ?Global warming ? Heatwave ? भारत के मौसम में इतना बदलाव क्यों आया कभी सोचा है ? क्या इस साल भारत की गरमी सबसे ज्यादा होनेवाली है ? क्या इस साल heatwave भारत को जला रहा है ? इन्ही सवालो के जवाब ढूंढ़ने की कोशिश करते है। Lets see….
आम भाषा में Heatwave का मतलब है की, अगर किसी क्षेत्र में बहुत लंबे समय तक तापमान तेजी से बढ़ते रहता है तोह इसी को हम Heatwave कहते है। जब normal temperature से ४.५० डिग्री temperature ज्यादा होता है तब Heatwave घोषित करते है। Heatwave दो या दो से ज्यादा दिन तक होती है। और तापमान बहुत गर्म रहने की वजह से मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण और हमारे देश की अर्थव्यवस्थापर विपरीत परिणाम होता है। भारत एक उष्णकटिबंधीय (tropical country ) देश है। मतलब भारत में सूर्य की जो ऊर्जा है वो तुलनात्मक रूप से ज्यादा आती है। ऐसे में भारत में ऊष्मा (heat) ज्यादा रहती है।
IMD (India Meteorological Department) के हिसाब से Heatwave का मतलब है , अगर किसी मैदानी क्षेत्र में तापमान ४० डिग्री से ज्यादा चला जाता है तब वह Heatwave घोषित करते है। वैसेही अगर वो क्षेत्र पहाड़ी है और वहा तापमान ३० डिग्री से ज्यादा चला जाता है तोह वहा Heatwave घोषित करेंगे। इसी तरह किसी तटिय (coastal area) क्षेत्र में ३७ डिग्री से ज्यादा तापमान चला जाये तब वहा Heatwave घोषित करते है।
Heatwave बारिश, सर्दी या गरमी की तरह कोई मौसम नहीं है, बल्की ये एक स्थिती है। जिसका सीधा सीधा संबंद हमारे economy से है, हमारी खुशियों से भी है और खुशियों का संबंद तापमान से। खुशियों से संबंद है सुनने में अजीब जरूर लगता है लेकिन ये सच है।
उदा. – पिछले साल २०२३ में फ़िनलैंड का HAPPINESS INDEX में पहला नंबर था। यही नहीं बल्कि सारे NORDIC COUTRIES(उत्तर यूरोप ) HAPPINESS INDEX में सबसे उपर आते है। और इसमें हमारा भारत १२६ वे नंबर पर है। ये एक सोचनेवाली बात है। क्योकि हमने ठंड से बचने के तरीके तोह ढूंढ लिए है , लेकिन हमारे शहरों ने गरमी से बचने के लिए कुछ भी नहीं सोचा।
इस बार तापमान बहुत ज्यादा है की भारत के हरियाणा ,राजस्थान , उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ में बार बार ORANGE ALERT जारी कर रहे है। लेकिन HEATWAVE के कारण क्या है ?
HEATWAVE का सबसे पहला कारण है ग्लोबल वार्मिंग। हम जानते है की दुनियाभर में मानवीय गतिविधियों की वजह से ग्रीनहाऊस गैस का उत्सर्जन बहुत हो रहा है। इसी ग्रीनहाउस गैस की वजह से तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। तापमान बढ़ने से दुनियाभर में हमें HEATWAVE की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
इसका का दूसरा कारण है शहरीकरण (Urbanisation) है। हम जानते है की दुनियाभर में शहरीकरण बढ़ रहा है। शहरों में कांच की बिल्डिंग ज्यादा रहती है। और ये बिल्डिंग heat (उष्मा ) को बहुत बड़ी मात्रा में जकड लेती है। उन कांच की बिल्डिंग से सूरज की किरणे रिफ्लेक्ट होती है और तापमान बढ़ता है।
इसका और एक सबसे बड़ा कारण है इलेक्ट्रिसिटी। हम गरमी से बचने के लिए AC, COOLER लगाते है। इन AC या COOLER के लिए इलेक्ट्रिसिटी की जरुरत है और भारत में ७५% इलेक्ट्रिसिटी कोयले से बनती है। जिसकी वजह से HEAT बढ़ती जा रही है। जैसे की महाराष्ट्र के विदर्भ में चंद्रपुर जिले में सबसे ज्यादा कोयला निकालकर उससे इलेक्ट्रिसिटी का निर्माण किया जाता है। उसकी वजह से चंद्रपुर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। २००७ में चंद्रपुर का तापमान ४९ डिग्री देखा गया है।
HEAT की वजह से कभी कभी आग भी लगती है। जब हम गिला कचरा बिना पृथकरण के फेकते है, जैसे की खाना, सब्जी। तब उसमे से मीथेन गैस निकलता है और तपते सूरज की वजह से इसमें आग लगती है। और उस HEAT का सामना हमें ही करना होता है। ऐसी ही घटना दिल्ली में हुई थी। कचरे का पहाड़ अपनेआप जलने लगा था। इसका कारन यही है।
इसके अलावा अल नीनो को भी HEATWAVE से जोड़कर देखा गया है। अल नीनो की वजह से प्रशांत महासागर और उसके आसपास का तापमान तेजी से बढ़ता है। और इसका असर भारत पर भी पड़ता है , और भारत में भी तापमान बढ़ता है। इसीसे HEAT भी महसूस होती है।
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में साल २०२३ में ६८ लोगो की HEATWAVE की वजह से जान गयी थी।ये घटना जून १५ से १८ के बिच में हुई थी। यही नहीं बल्कि महाराष्ट्र में भी २०२३ में ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार समारोह जो मुंबई में हो रहा था ,उसमे १३ लोगो की HEATWAVE की वजह से जाने गयी।और ये समारोह खारघर में एक खुले मैदान में अप्रैल के महीने में हुआ था।
उच्च तापमान उतना घातक नहीं है। जब HEAT (ऊष्मा) और HUMIDITY (आर्दता) इन दोनों में एक साथ बढ़ोतरी होती है तब ज्यादा घातक साबित होती है। इसका उदहारण है मुंबई में हुआ ये पुरस्कार समारोह। उस वक्त तापमान ३०-३५ डिग्री था। लेकिन तब जो आर्दता थी वो बहुत ज्यादा थी। इसीकी वजह से वहा लोगो की जाने गयी। और बलिया में ४३.५ डिग्री तापमान और आर्दता ३१% था। उससे जो HEAT INDEX ५१ डिग्री सेल्सियस बना। मतलब मानव शरीर ५१ डिग्री तापमान झेल रहा था। (HEAT INDEX का मतलब मानव शरीर को कितना ज्यादा तापमान महसूस हो रहा है।)
जब HEAT और HUMIDITY दोनों में एक साथ बढ़ोतरी होती है तब वो मानव शरीर के लिए घातक साबित हो सकती है। हमारे शरीर में जो HEAT होती है उसे बहार निकलने के लिए पसीना निकलता है। और वो पसीना भाप के रूप में गायब होता है। और उससे हमारे शरीर को ठंडा महसूस होता है और शरीर का तापमान संतुलित बना रहता है। लेकिन अगर किसी क्षेत्र में HUMIDITY (आर्दता) ज्यादा हो तोह पसीने को वाष्पित होने में बहुत समय लगता है। उससे शरीर के तापमान का संतुलन बिगड़ता है। ऐसे में HEATSTROKE (उष्माघात )होता है। ये ज्यादातर जहा शरीर का तापमान ४० डिग्री के आसपास होता है वहा देखने मिलता है।
जब शरीर का तापमान बढ़ता है तब हमारे शरीर का मेटाबोलिज़म बिगड़ता है ,पसीना ज्यादा निकलता है ,ब्लड प्रेशर बढ़ता है ,ऑक्सीजन लेवल गिरता है। इसी कारण मौत भी हो सकती है।
HEATWAVE बचने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की जरुरत है। इससे भविष्य में हमें इसका सामना कम करना होगा। एक आम का पेड़ २७१ टन ऑक्सीजन तैयार करता है। हमें आम, नीम ,पीपल ,इमली ,आवला का पेड़ लगाना चाहिए। एक पेड़ तोह सभी को लगाना चाहिए।
HEATWAVE से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिए। दिन में ३-४ लीटर पानी पीना चाहिए। चिया सीड्स यानि सब्जा के दाने पानी में भिगोकर वो पानी पिए। ज्यादा वर्कआउट ना करे। AC या कूलर से एकदम धुप में ना निकले। कच्चे आम का पन्ना, नारियल पानी, दही, लस्सी और छाछ पिएं।
IMD (India Meteorological Department) के हिसाब से Heatwave का मतलब है , अगर किसी मैदानी क्षेत्र में तापमान ४० डिग्री से ज्यादा चला जाता है तब वह Heatwave घोषित करते है। वैसेही अगर वो क्षेत्र पहाड़ी है और वहा तापमान ३० डिग्री से ज्यादा चला जाता है तोह वहा Heatwave घोषित करेंगे। इसी तरह किसी तटिय (coastal area) क्षेत्र में ३७ डिग्री से ज्यादा तापमान चला जाये तब वहा Heatwave घोषित करते है।
HEATWAVE का सबसे पहला कारण है ग्लोबल वार्मिंग
HEATWAVE का दूसरा कारण है शहरीकरण (Urbanisation) है।
HEATWAVE का और एक सबसे बड़ा कारण है इलेक्ट्रिसिटी।
जब HEAT और HUMIDITY दोनों में एक साथ बढ़ोतरी होती है तब वो मानव शरीर के लिए घातक साबित हो सकती है। हमारे शरीर में जो HEAT होती है उसे बहार निकलने के लिए पसीना निकलता है। और वो पसीना भाप के रूप में गायब होता है। और उससे हमारे शरीर को ठंडा महसूस होता है और शरीर का तापमान संतुलित बना रहता है। लेकिन अगर किसी क्षेत्र में HUMIDITY (आर्दता) ज्यादा हो तोह पसीने को वाष्पित होने में बहुत समय लगता है। उससे शरीर के तापमान का संतुलन बिगड़ता है। ऐसे में HEATSTROKE (उष्माघात )होता है। ये ज्यादातर जहा शरीर का तापमान ४० डिग्री के आसपास होता है वहा देखने मिलता है।
HEATWAVE बचने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की जरुरत है। इससे भविष्य में हमें इसका सामना कम करना होगा। एक आम का पेड़ २७१ टन ऑक्सीजन तैयार करता है। हमें आम, नीम ,पीपल ,इमली ,आवला का पेड़ लगाना चाहिए। एक पेड़ तोह सभी को लगाना चाहिए।
HEATWAVE से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिए। दिन में ३-४ लीटर पानी पीना चाहिए। चिया सीड्स यानि सब्जा के दाने पानी में भिगोकर वो पानी पिए। ज्यादा वर्कआउट ना करे। AC या कूलर से एकदम धुप में ना निकले। कच्चे आम का पन्ना, नारियल पानी, दही, लस्सी और छाछ पिएं।
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